Song: Aaftaab
Year: 2022
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[Chorus]
अनकही कुछ बातें क्यूं रह जाती है
दिल की ज़ुबान को भी रोशनी मिल जानी है
रफ्तार मैं आब्शार से रूहानियत गिरी है
जो में ऊंस में पी गया
तू वो आफ़रीन नदी है
जिसके नूर मैं देखो मैं बह गया

[Verse]
रेशम से तेरे लहज़े ने देखो मुझको भी तो दीवाना किया
ईनायत है तू और तमन्ना भी है
जिसको कर्मों से मैंने बनाया

[Chorus]
अनकही कुछ बातें क्यूं रह जाती है
दिल की ज़ुबान को भी रोशनी मिल जानी है
रफ्तार मैं आब्शार से रूहानियत गिरी है
जो में ऊंस में पी गया (Oh-ho)
तू वो आफ़रीन नदी है (Oh-ho-ho-oh)
जिसके नूर मैं देखो मैं बह गया
[Outro]
रफ्तार मैं आब्शार से रूहानियत गिरी है
जो में ऊंस में पी गया
तू वो आफ़रीन नदी है
जिसके नूर मैं देखो मैं बह गया

( Sudhanwa Vaid )
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