[Verse]
ले फिर मैं आया हूं तेरे दर पे
एक आस दिल में है यूं
अब जूठी ही सही
गलतियां बदलूं की थी जो भी
इश्क खेल है जो अकेला ना हो पूरा
सेहर की ढंड रोज़ पूछे क्या हुआ
रोज़ का सवाल अब आगे क्या होगा?
सुकून मैं चाहूं जो तूने था दिया
पागल सा दिल ले आया तेरे दर पे
[Outro]
Oh-ho-ho-ho-oh
Ho-oh-ho-ho-oh
ले फिर मैं आया हूं तेरे दर पे
एक आस दिल में है यूं
अब जूठी ही सही
गलतियां बदलूं की थी जो भी
इश्क खेल है जो अकेला ना हो पूरा
सेहर की ढंड रोज़ पूछे क्या हुआ
रोज़ का सवाल अब आगे क्या होगा?
सुकून मैं चाहूं जो तूने था दिया
पागल सा दिल ले आया तेरे दर पे
[Outro]
Oh-ho-ho-ho-oh
Ho-oh-ho-ho-oh
( Sudhanwa Vaid )
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