गुमा मैं एक जगह पे
नाजाने सभी हैं
देखें जो सपने
वह मेरे पूरे
ना पता मुझे कैसे
जैसे मैं पंछी हूं आकाश में
जैसे मैं मछली हूं तालाब से
बताओ कोई मुझे
मैं हूं कहां
बताओ कोई मुझे
जाना है कहां
बताओ मुझको कोई
हूं आखिर को मैं क्या
(बताओ कोई मुझे
मैं हूं कहां)
देखा मैं उसे जो
आंखें ना मेरी जो
उसी से उसी को
उसी में डूब गई
जो देखा उसने मुझे
ख़ाली हूं मैं चाहे
अंदर से भरा
दिल से बना मैंने
हर गाना जो करा
अगर ना
करता कभी मैं काम
बस करा अगर आराम
तो मिलता मुझको क्या
अगर होते ना
तुमलोग मेरे साथ
तो क्या होता मेरा
बताओ कोई मुझे
मैं हूं कहां
बताओ कोई मुझे
जाना है कहां
बताओ मुझको कोई
हूं आखिर को मैं क्या
बताओ कोई मुझे
मैं हूं कहां
नाजाने सभी हैं
देखें जो सपने
वह मेरे पूरे
ना पता मुझे कैसे
जैसे मैं पंछी हूं आकाश में
जैसे मैं मछली हूं तालाब से
बताओ कोई मुझे
मैं हूं कहां
बताओ कोई मुझे
जाना है कहां
बताओ मुझको कोई
हूं आखिर को मैं क्या
(बताओ कोई मुझे
मैं हूं कहां)
देखा मैं उसे जो
आंखें ना मेरी जो
उसी से उसी को
उसी में डूब गई
जो देखा उसने मुझे
ख़ाली हूं मैं चाहे
अंदर से भरा
दिल से बना मैंने
हर गाना जो करा
अगर ना
करता कभी मैं काम
बस करा अगर आराम
तो मिलता मुझको क्या
अगर होते ना
तुमलोग मेरे साथ
तो क्या होता मेरा
बताओ कोई मुझे
मैं हूं कहां
बताओ कोई मुझे
जाना है कहां
बताओ मुझको कोई
हूं आखिर को मैं क्या
बताओ कोई मुझे
मैं हूं कहां
( Abhishek Toor )
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