Song: Ye Raat Hai Mahtabi
Artist:  Asha Bhosle
Year: 1958
Viewed: 39 - Published at: 10 years ago

ये रात है महताबी समां है दीवाना
उठा ज़रा झुका ज़रा निगाहे मस्ताना
ये रात है महताबी समां है दीवाना
उठा ज़रा झुका ज़रा निगाहे मस्ताना

ललल ललल ललल ललल

देखो तो बहे यह नज़र नज़र खिलने का
चाँदनी ढलती है यह वक़्त है मिलने का
देखो तो बहे यह नज़र नज़र खिलने का
चाँदनी ढलती है यह वक़्त है मिलने का
नज़र मिले झलक पड़े नज़र का पैमाना
ये रात है महताबी समां है दीवाना
उठा ज़रा झुका ज़रा निगाहे मस्ताना

ओह होऊ होहू
आहहहाआआ

प्यार से ाओ भी उसी तरह लाहा रा के
दिल की है दिल में किधर चले घबरा के
प्यार से ाओ भी उसी तरह लाहा रा के
दिल की है दिल में किधर चले घबरा के
जुड़ा है क्यों खफा है क्यों समां से परवाना
ये रात है महताबी समां है दीवाना
उठा ज़रा झुका ज़रा निगाहे मस्ताना
होठों पे खिलती यह रुकी रुकी सी बाते
आती कहां से है यह मोहब्बतों की रातें

होठों पे खिलती यह रुकी रुकी सी बाते
आती कहां से है यह मोहब्बतों की रातें
ज़ुबा से जो न कह सको वो मुझसे समझा
ये रात है महताबी समां है दीवाना
उठा ज़रा झुका ज़रा निगाहे मस्ताना
ये रात है महताबी समां है दीवाना
उठा ज़रा झुका ज़रा निगाहे मस्ताना

ये रात है महताबी समां है दीवाना
उठा ज़रा झुका ज़रा निगाहे मस्ताना

( Asha Bhosle )
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