Song: इंतेज़ार
Year: 2021
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नींद में खोई
आँखे ये रोई
करती तुझे ये याद है

आजा कहीं से
नज़रें ये मेरी
करती ये फरियाद हैं

शहरों की राहें
तारों की बाहें
करती मुझे बदनाम है

चाहा है तुझको
इबादत है मेरी
करता तेरा इंतेज़ार है

न चाहा ज़रा भी
तूने न मुझको
होता रहा बर्बाद मैं
कहा था तुझसे
चाहूंगा तुझको
खुद से भी ज़्यादा
खुद से भी ज़्यादा
आओगे न तुम
माना है मैंने
करना न चाहूँ इंतेज़ार में
रोका है खुद को
हद से भी ज़्यादा
अब न करूँगा इंतेज़ार मैं
बैठा यहां पे
कब से न जाने
करता तेरा इंतेज़ार है

तेरा इंतेज़ार है
तेरा इंतेज़ार है
हम्म हम्म हम्म
तेरा इंतेज़ार है

( Samrat Awasthi )
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