Song: Killwish
Year: 2021
Viewed: 67 - Published at: 3 years ago

मुझे तोड़ना चाहता सबने
पर कोई ना हो पाया सफल
कोई और क्या बताएगा मुझको ?
मैं खुद बदल लूंगा अपना कल
कमजोर भले हैं आज
मुझे हार से ना कोई डर
खोने को नहीं कोई ताज
जीतने को सारा रब

लकीर से बंधे हाथ, जंजीर बंधी पैर पे
हर एक ताना रिश्तेदार का पीरा घूंट जैसे ज़हर के
बेगुनाह लथपथ बदनामी के खून से
मेरे जुनून को ना आंको तुम अपने जुनून से
भरोसा किया सब पर तभी खाए ज्यादा धक्के
आज बागी बनके खुश ना तलवे चाटू झुक के
आज पैसा थोड़ा कम
पर ना गम किसी बात का
ना ग्लानि ना पछतावा किसी पाप का
और मेरे अपने सपने
मेरे अपने जितने
मेरे जितने सपने
हुए शिकार साजिश के
पर जो तोड़ दे रैपचारी को तो नाम बदल दियो
यह ऐलान बोलो लिख के दूं कागज पे!
छुपाने को ना राज कोई
जीतने को बहुत कुछ पर आपसे ना आस कोई
जो करेगा वह भरेगा कर्मा से भाग नहीं
यह श्राप जिंदगी का बेटे इसे आज़मां नहीं
समेट सारा दर्द और बना दे हथियार
जज़्बात को बुलंद कर उठ जा ना मेरे यार
जिसे खोने से ना डर वह हर खौफ से आज़ाद
बिना जंगली बने कैसे जीतेगा जंगल यार

मुझे तोड़ना चाहता सबने
पर कोई ना हो पाया सफल
कोई और क्या बताएगा मुझको
मैं खुद बदल लूंगा अपना कल
कमजोर भले हूं आज
मुझे हार से ना कोई डर
खोने को नहीं कोई ताज
जीतने को सारा रब

मायूस बैठा हार से घायल उसका पर था
ऊंची उड़ान भरने से पहले परिंदा बार-बार गिरता
जिसकी छत हो आसमां, उसे बारिश से कैसा डरना ?
लंबी रेस का घोड़ा तू एक हार से क्या डरता ?
"तो उठ खड़े हो ! बस घायल हो मरे नहीं!"
बिना मंजिल पाए मरे तो अभी तुम मरे नहीं!
कमजोर हो, पर बेबस नहीं
जो बोला फिर से सुनो तुम एक बार में समझे नहीं !!
और हार पर तू गौर कर
Hey yo!
जीत छुपी हार में, हर हार पर तू गौर कर
मेहनत से तू भाग नहीं, ढूंढ मत कोई शॉर्टकट
Long term investment gives success for a long term
समेट सारा दर्द और बना दे हथियार
जज़्बात को बुलंद कर उठ जा ना मेरे यार
जिसे खोने से ना डर वह हर खौफ से आज़ाद
बिना जंगली बने कैसे जीतेगा जंगल यार

मुझे तोड़ना चाहता सबने
पर कोई ना हो पाया सफल
कोई और क्या बताएगा मुझको
मैं खुद बदल लूंगा अपना कल
कमजोर भले हूं आज
मुझे हार से ना कोई डर
खोने को नहीं कोई ताज
जीतने को सारा रब

( Rapchari, Dibtat )
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